भक्ति एवं धर्म से संबंधित रोचक तथ्य(33)

शव को चिता पर रखकर पानी से भरे मटके में छेद कर शव के चारों ओर परिक्रमा लगाई जाती है और अंत में मटके को फोड़ दिया जाता है, हमारा शरीर मटके के सामान होता है जिसमे जीवन रुपी पानी भरा होता है और छेद में से जीवन निरंतर रिस्ता रहता है और अंत में पानी ख़त्म हो जाता है यानी जीवन समाप्त हो जाता है तब मटके रुपी शरीर को छोड़कर हमारी आत्मा चली जाती है।

चेन्नई की एक गैरसरकारी संस्था भारत ज्ञान द्वारा पिछले सात वर्षो में एक शोध किया गया था, इनके अनुसार 10 जनवरी 2013 को श्रीराम के जन्म के पूरे 7127 वर्ष हो गए। इनके अनुसार भगवान राम का जन्म 5114 ईस्वी पूर्व हुआ था, दुनिया भर में बिखरे शिलालेख, भित्ति चित्र, सिक्के, रामसेतु, अन्य पुरातात्विक अवशेष, प्राचीन भाषाओं के ग्रंथ आदि भी श्रीराम की मूक कथा सुनाते हैं।