भक्ति एवं धर्म से संबंधित रोचक तथ्य(33)

नेपाल, लाओस, कंपूचिया, मलेशिया, कंबोडिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, बाली, जावा, सुमात्रा और थाईलैंड आदि देशों की लोक-संस्कृति व ग्रंथों में आज भी भगवान श्री राम को याद किया जाता है।

नेपाल, लाओस, कंपूचिया, मलेशिया, कंबोडिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, बाली, जावा, सुमात्रा और थाईलैंड आदि देशों की लोक-संस्कृति व ग्रंथों में आज भी भगवान श्री राम को याद किया जाता है।

हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है की बालों में हमारी याददाश्त और यादें सुरक्षित रहती हैं इसलिए ऐसा माना जाता है की जन्म के समय के बालों में पिछले जन्म की यादें सुरक्षित हैं और इन्हे हटाने के लिए ही बच्चे के सिर के सभी बाल उतार कर उसकी सभी यादें मिटा दी जाती हैं।

हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है की बालों में हमारी याददाश्त और यादें सुरक्षित रहती हैं इसलिए ऐसा माना जाता है की जन्म के समय के बालों में पिछले जन्म की यादें सुरक्षित हैं और इन्हे हटाने के लिए ही बच्चे के सिर के सभी बाल उतार कर उसकी सभी यादें मिटा दी जाती हैं।

काशी का मणिकर्णिका घाट तंत्र शक्तिओं की साधना हेतु सर्वोत्तम माना गया हैं, भगवान शिव यहाँ सर्वदा, साक्षात विराजमान रहते हैं। आदि काल से ही काशी का प्रयोग तांत्रिक साधनाओं तथा तंत्र क्रियाओं के लिए किया जाता हैं।

काशी का मणिकर्णिका घाट तंत्र शक्तिओं की साधना हेतु सर्वोत्तम माना गया हैं, भगवान शिव यहाँ सर्वदा, साक्षात विराजमान रहते हैं। आदि काल से ही काशी का प्रयोग तांत्रिक साधनाओं तथा तंत्र क्रियाओं के लिए किया जाता हैं।

हिन्दू धर्म में सोना लक्ष्मी जी का प्रतीक होता है और हर शुभ कार्य में सोने को पूजा जाता है, पैरों में सोना पहनने से माँ लक्ष्मी का अनादर होता है इसी कारण पैरों में सोना नहीं पहना जाता है।

हिन्दू धर्म में सोना लक्ष्मी जी का प्रतीक होता है और हर शुभ कार्य में सोने को पूजा जाता है, पैरों में सोना पहनने से माँ लक्ष्मी का अनादर होता है इसी कारण पैरों में सोना नहीं पहना जाता है।

शव को चिता पर रखकर पानी से भरे मटके में छेद कर शव के चारों ओर परिक्रमा लगाई जाती है और अंत में मटके को फोड़ दिया जाता है, हमारा शरीर मटके के सामान होता है जिसमे जीवन रुपी पानी भरा होता है और छेद में से जीवन निरंतर रिस्ता रहता है और अंत में पानी ख़त्म हो जाता है यानी जीवन समाप्त हो जाता है तब मटके रुपी शरीर को छोड़कर हमारी आत्मा चली जाती है।

शव को चिता पर रखकर पानी से भरे मटके में छेद कर शव के चारों ओर परिक्रमा लगाई जाती है और अंत में मटके को फोड़ दिया जाता है, हमारा शरीर मटके के सामान होता है जिसमे जीवन रुपी पानी भरा होता है और छेद में से जीवन निरंतर रिस्ता रहता है और अंत में पानी ख़त्म हो जाता है यानी जीवन समाप्त हो जाता है तब मटके रुपी शरीर को छोड़कर हमारी आत्मा चली जाती है।

गरुड़ पुराण के मुताबिक अगर अंतिम संस्कार सूर्यास्त के बाद किया जाता है तो मरने वाले को परलोक में कष्ट भोगने पड़ते और अगले जन्म में उसके अंगों में खराबी हो सकती है। मरने वाले को अगले जन्म में कोई कष्ट नहीं भोगना पड़े, इसी कारण सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार उचित नहीं माना गया है।

गरुड़ पुराण के मुताबिक अगर अंतिम संस्कार सूर्यास्त के बाद किया जाता है तो मरने वाले को परलोक में कष्ट भोगने पड़ते और अगले जन्म में उसके अंगों में खराबी हो सकती है। मरने वाले को अगले जन्म में कोई कष्ट नहीं भोगना पड़े, इसी कारण सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार उचित नहीं माना गया है।

वाल्मीकि रामायण में लिखी गई नक्षत्रों की स्थिति को प्ले‍नेटेरियम नामक सॉफ्टवेयर से गणना की गई तो श्रीरामचन्द्र के जन्म की तारीख का पता चला, यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो आगामी सूर्य और चंद्र ग्रहण की भविष्यवाणी भी कर सकता है।

वाल्मीकि रामायण में लिखी गई नक्षत्रों की स्थिति को प्ले‍नेटेरियम नामक सॉफ्टवेयर से गणना की गई तो श्रीरामचन्द्र के जन्म की तारीख का पता चला, यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो आगामी सूर्य और चंद्र ग्रहण की भविष्यवाणी भी कर सकता है।

चेन्नई की एक गैरसरकारी संस्था भारत ज्ञान द्वारा पिछले सात वर्षो में एक शोध किया गया था, इनके अनुसार 10 जनवरी 2013 को श्रीराम के जन्म के पूरे 7127 वर्ष हो गए। इनके अनुसार भगवान राम का जन्म 5114 ईस्वी पूर्व हुआ था, दुनिया भर में बिखरे शिलालेख, भित्ति चित्र, सिक्के, रामसेतु, अन्य पुरातात्विक अवशेष, प्राचीन भाषाओं के ग्रंथ आदि भी श्रीराम की मूक कथा सुनाते हैं।

चेन्नई की एक गैरसरकारी संस्था भारत ज्ञान द्वारा पिछले सात वर्षो में एक शोध किया गया था, इनके अनुसार 10 जनवरी 2013 को श्रीराम के जन्म के पूरे 7127 वर्ष हो गए। इनके अनुसार भगवान राम का जन्म 5114 ईस्वी पूर्व हुआ था, दुनिया भर में बिखरे शिलालेख, भित्ति चित्र, सिक्के, रामसेतु, अन्य पुरातात्विक अवशेष, प्राचीन भाषाओं के ग्रंथ आदि भी श्रीराम की मूक कथा सुनाते हैं।

अमेरिका के लेखक तथा साहित्यकार मार्क ट्विन ने काशी कि यात्रा के बाद लिखा कि बनारस इतिहास से भी पुराना नगर है। यह परंपराओं से भी पुराना है, कहावतों और कहानियों से भी पुराना है। विश्व कि समस्त सभ्यताओ से पुराना है, यहां भूत, वर्तमान, शाश्वत तथा निरंतरता साथ-साथ विद्यमान हैं।

अमेरिका के लेखक तथा साहित्यकार मार्क ट्विन ने काशी कि यात्रा के बाद लिखा कि बनारस इतिहास से भी पुराना नगर है। यह परंपराओं से भी पुराना है, कहावतों और कहानियों से भी पुराना है। विश्व कि समस्त सभ्यताओ से पुराना है, यहां भूत, वर्तमान, शाश्वत तथा निरंतरता साथ-साथ विद्यमान हैं।

कैलाश पर्वत देखने में पिरामिड के आकार का है, ऐसा कहा जाता है कि कैलाश पर्वत धरती का केंद्र है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) भी कहा जाता है। इस पर्वत पर दसों दिशाएं आपस में मिल जाती हैं और अगर यहां पर कोई दिशा कंपस ले कर जाता है तो वो ख़राब हो जाएगा और ठीक से दिशा नहीं बताएगा।

कैलाश पर्वत देखने में पिरामिड के आकार का है, ऐसा कहा जाता है कि कैलाश पर्वत धरती का केंद्र है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) भी कहा जाता है। इस पर्वत पर दसों दिशाएं आपस में मिल जाती हैं और अगर यहां पर कोई दिशा कंपस ले कर जाता है तो वो ख़राब हो जाएगा और ठीक से दिशा नहीं बताएगा।

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